डूंगरपुर के सौन्दर्य का अनुपम व् अद्वितीय वर्णन जो विकास के नए मानक गढ़ता है ,कुछ सवाल उठाता है ? ,दुनिया को विकास का दर्शन देता है . ऐसी कविताओं के साथ वैज्ञानिक चिंतन को सरलता से हमारे समक्ष रखता है ,ये जानना आज जरूरी हो गया है जब सुचना को साझा करना सबसे सहज हो गया है ,ऐसे में सूचनाओं की भरमार में से सही का चयन करना अधिक चिंतन की माँग करता है ,इस पुस्तक में दी गई दो कहानियाँ इसी बात की झलकी भर हैं ,जो पूर्णतया: काल्पनिक हैं ,उनमें आये पात्र ,स्थान से आप जुड़ाव महसूस करेंगे पर जो ताना – बाना बुना गया है उसका सत्य से कोई वास्ता नहीं है , कथानक मजेदार ,रोमांचकारी ,रहस्यमयी है ,आपको बांधे रखने का दम रखता है , यह बताने का प्रयास है की कैसे झूठ गढ़ा जाता है जिसे एतिहासिक मानकर हम भाव –विभोर हो जाते हैं और तर्क को ताक पर रखकर मानवता को जख्मी करने को आतुर हो जाते हैं ,वर्तमान समय में हम इसी तरह की सूचनाओं से घिरें हुएं हैं जिन्हें सच मानकर जीने लगे हैं ,वास्तव में इनकी सच्चाई जानने की ईमानदार कोशिश किये बिना .
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विकास शर्मा