School Based Assessment से जुड़े वेरियस असपेक्ट क्या हैं ? असेसमेंट और इवैल्यूएशन के फर्क को जानेंगे , CCE तो था ही ,क्या खामी रह गई CCE में , कैसे SBA उन खामियों को पूरा कर रहा है , इस पर भी चर्चा करेंगे , जानेंगे क्राइटेरिया एंड purpose ऑफ़ असेसमेंट के बारे में .
शिक्षा से जुड़े सभी stakesholders के लिए है ये वीडियो , खास तौर पर टीचर्स के लिए .
हेलो फ्रेंड्स , मैं हूँ विकास ,और आज बात कर रहा हूँ जेनेसिस एंड इम्पोर्टेंस ऑफ़ स्कूल बेस्ड असेसमेंट की ,लर्नर सेंटर्ड एप्रोच की ,टीचिंग –लर्निंग प्रोसेस की असेसमेंट के साथ इंटीग्रेशन की .
सबसे पहले क्या है अंतर इवैल्यूएशन और असेसमेंट में , इवैल्यूएशन ये सुनिश्चित करता है की desired स्टैण्डर्ड मैच हुआ है की नहीं, quality मापने के लिए जबकि असेसमेंट quality को बढ़ाने के लिए –इसलिए अस्सेस्स्म्नेट formative होता है जबकि इवैल्यूएशन summative. असेसमेंट प्रोसेस से जुड़ा हुआ होता है जबकि इवैल्यूएशन का फोकस प्रोसेस ना होकर प्रोडक्ट होता है .
आजादी के बाद से ही हमने एजुकेशन में एग्जामिनेशन में रिटेन एग्जाम को बेस बनाया है – परफॉरमेंस को जांचने ,परखने के लिए . नेशनल पालिसी ऑफ़ एजुकेशन 1968 ये वकालत होनी शुरू हो जाती है की इवैल्यूएशन में scholastic के साथ –साथ नॉन scholastic असपेक्ट भी इवैल्यूएशन में शामिल हों .
नेशनल एजुकेशनल पालिसी 1986 एग्जामिनेशन /इवैल्यूएशन को टीचिंग –लर्निंग प्रोसेस का पार्ट मानती हैं ,एग्जाम को ऐसे देखती है की जो बच्चे के विकास और वृधि का एविडेंस हो .
कंटीन्यूअस एंड कोम्प्रेहेंसिव इवैल्यूएशन को भी 30 साल हो चुके हैं स्कूल एजुकेशन के लिटरेचर में –जी हाँ सिर्फ लिटरेचर में ,वास्तव में आज भी अधिकतर एग्जाम पेपर –पेंसिल से आगे नहीं बढ़ पायें हैं ,ग्राउंड रियलिटी इन डाक्यूमेंट्स के उलट ही रही है ,आज 2019 में भी असेसमेंट रिटेन एग्जामिनेशन से आगे नहीं बढ़ पाया है .
CCE को एग्जाम /असेसमेंट के रिफार्म की तरह देखा गया , बड़ी अपेक्षाओं से लागू किया गया , पर स्कूल ,टीचर और पेरेंट्स ने CCE को स्वीकार नहीं किया ,आइये अब जानते हैं उन कारणों को जिनकी वजह से CCE एक असफल प्रयोग बनकर रह गया .
ट्रेनिगं इतनी ज्यादा हो गई थी की टीचिंग लर्निंग प्रोसेस को ही खा गई . सिर्फ टेस्टिंग without टीचिंग लर्निंग के कहाँ स्टैंड करेगी ?
CCE का अधिकतर फोकस cognitive असपेक्ट पर ही रहा , साइकोमोटर असपेक्ट को सही ढंग से एड्रेस नहीं कर पाया .
CCE में सभी प्रश्नों का स्तर rote memorisation को जांचने भर का ही था . चेक लिस्ट इतनी ज्यादा हो गई ,प्रपत्र /फॉर्मेट की भरमार की वजह से malpractice बढ़ गई और गलत तरीको का चलन बढ़ गया जिससे CCE के द्रष्टिकोण का ही खात्मा हो गया .
टीचर्स ने CCE को एक्स्ट्रा वर्क समझा , बर्डन समझा या कहें की समझने में ज्यादा प्रयास नहीं लगाये ,जिससे कम्युनिटी व् स्टूडेंट्स ने इसे एफ्फेक्टिंग टूल नहीं माना .
कुल मिलाकर CCE टीचिंग प्रोफेशन और स्कूल सिस्टम पर ही सवालिया निशान खड़ा करने वाली हो गई .
क्लास टेस्ट , यूनिट टेस्ट , formative टेस्ट ,summative टेस्ट – इतनी excessive टेस्टिंग की वजह से एजुकेशनल प्रोसेस को नुकसान उठाना पड़ा .
CCE का कंटीन्यूअस –पीरियाडिक ,कॉम्प्रिहेंशन –cognitve और पेपर-पेंसिल टेस्ट व् इवैल्यूएशन –मेज़रमेंट बनकर रह गया .
CCE एक बेहतर उपाय हो सकता था ,पर ऐसा हो नहीं पाया और बड़ी असफलता बनकर रह गया , नोटबंदी की तरह – इंटेंड तो अच्छा था ,कुछ लोगों ने अच्छा माना भी , पर एक्सपर्ट ,डाटा ने इसको देश के लिए घातक ही बताया है ,ऐसा ही हश्र CCE का देखने को मिला .
इन्ही shortcomings से पार पाने के लिए अबेक नया ऐड ऑन version तैयार है ,उसी का नाम है स्कूल बेस्ड असेसमेंट .
एक ऐसा असेसमेंट जो टीचिंग लर्निंग प्रोसेस में ही गुथा हुआ हो , असेसमेंट ऑफ़ लर्निंग ना होकर ,असेसमेंट for लर्निंग हो . जो पहले से निर्धारित लर्निंग आउटकम को सिखने – सिखाने के दौरान होलिस्टिक manner से assess करे .
Salient feature of SBA
Integrate teaching – learning and assessment
No load on teacher of documentation –recording ,reporting .
Child centred and activity based pedagogy
Focus on learning outcome based /competency development rather than content memorisation.
Broadening the scope of assessment by way of including self – assessment , peer –assessment besides teacher assessment
Non – threatening ,stress free and enhanced participation/interaction.
Focus on assessment for learning rather than evaluation of achievement ,
In short assessment का प्राइम ऑब्जेक्टिव है –बच्चे की लर्निंग need को पहचानना ,उन्हें उनकी क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करना और लर्निंग गैप को दूर करना .
Assessment strategy for School Based Assessment (SBA )
Observation
Interview
Self –assessment
Peer –assessment
Group work assessment
Portfolio assessment
Feedback
Authentic assessment
Assignment
Role play
Storytelling
Simulation
Project work
Experimentation
Anecdotal records
Check list
Rating Scales
Focus group discussion
आप अपने स्कूल में कौन –कौन से तरीके असेसमेंट के लिए उपयोग में लाते हो , शेयर कीजिये . अपनी प्रतिक्रिया स्कूल बेस्ड असेसमेंट के ऊपर अपना view/चिंतन और ये सवाल यहाँ जायज लगता है की – स्कूल बेस्ड असेसमेंट का हाल CCE जैसा नहीं होगा , इसकी कितनी सम्भावना है ? और ऐसा होने से रोकने के लिए टीचर्स को क्या सपोर्ट चाहिए होगा ?
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I am part of this workshop and learn many ideas so thanks all team .