Bharat Ratna भारत रत्न पुरस्कार ( कुछ रोचक और महत्वपूर्ण तथ्य )

हेलो फ्रेंड्स मैं हूँ विकास और आज बात कर रहा हूँ भारत के सर्वोच्च पुरुस्कार के बारे में –भारत रत्न के बारे में , भारत रत्न रिपब्लिक ऑफ़ इंडिया का हाईएस्ट सिविलियन अवार्ड है , इसकी शुरुआत आजाद भारत में १९५४ में हुई थी ,शुरुआत में इसे केवल कला ,साहित्य ,विज्ञान और लोकसेवा तक सिमित किया गया था ,परन्तु दिसम्बर २०११ में इसे एक्सपेंड किया गया उत्कृष्ट मानवीय प्रयास किसी भी फील्ड में.भारत रत्न की रिकमेन्डेशन प्राइम मिनिस्टर करता है राष्ट्रपति को ,हर साल मैक्सिमम तीन अवार्ड नोमिनेट किये जा सकते हैं .अब आप सोच रहे होंगे इनाम में मिलता क्या है ? सबसे पहले तो ये भारत का सर्वोच्च सिविलियन अवार्ड है इसको पाने का जो गौरव है उसे शब्दों में बयां तो किया ही नहीं जा सकता है ,पर जो हम देख सकते हैं वो है एक सनद (सर्टिफिकेट) साइंड by  प्रेसिडेंट, और एक पीपल की पत्ती के शेप का मैडल , कितना पैसा मिलता है ये तो बताओ –आप ये जानना चाह रहे होंगे , तो फ्रेंड्स मैं आपको बता दूँ की कोई मोनेटरी ग्रांट इसमें नहीं दी जाती है .भारत रत्न प्राप्तकर्ता की इंडियन आर्डर ऑफ़ प्रेसड़ेंस में सेवेंथ रैंक होती है .भारत रत्न अवार्ड का मैडल एक पीपल की पत्ती के आकार का होता है , इस पर सूर्य की इमेज होती है , उसके नीचे देवनागरी लिपि में भारत रत्न लिखा होता है , इसकी बेक साइड में स्टेट एंब्लेम ऑफ़ इंडिया सेन्टर में होता है जिसके निचे देव नगरी भाषा में सत्यमेव जयते लिखा होता है .सबसे पहला भारत रत्न सम्मान १९५४ में तीन व्यक्तियों को दिया गया था – डॉ. सर्वपल्ली राधा कृष्णन ,सी. राजगोपलाचारी   ,और वैज्ञानिक सी. वी . रमन को मिला था .शुरुआत में इसे जीवित व्यक्तियों को ही देने की सोचा गया था पर १९५५ में इसे पहली बार मरणोपरांत भी देना शुरू किया गया ,श्री लाल बहादुर शास्त्री जी को पहला posthumously अवार्ड दिया गया ,श्री मति इंदिरा गाँधी –पहली महिला थी जीने भारत रत्न १९७१ में दिया गया , भारत-रत्न अवार्ड दो नॉन इंडियन को दिया जा चुका है – जी हाँ फ्रेंड्स ये हैं एक पाकिस्तान से और दुसरे साउथ अफ्रीका से , सीमांत गाँधी के नाम से जाना जाता है खान अब्दुल गफ्फार खान को ,आजादी के वक्त ये पाकिस्तान चले गए थे -१९९० में इन्हें और साउथ अफ्रीका के गाँधी नेलशन मंडेला को भी भारत के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया. १९९० में ही डॉ. भीम राव अम्बेडकर को भी भारत रत्न दिया गया .अब मैं आपको बता दूँ ऐसी शक्श्स्यिअत के बारे में जो एक कैथोलिक नन थी ,बाद में भारत की नागरिक हो गई और भारत के लोगो की अपार सेवा के लिए इन्हें १९८० में इस सर्वोच्च पुरुस्कार दिया गया – मदर टेरसासबसे युवा व्यक्ति जिसे भारत रत्न मिला है वो हैं सचिन तेंदुलकर जिन्हें २०१४ में भारत रत्न मिला , ४० साल की उम्र में , अब मैं बता रहा हूँ उस पर्सन का नाम जिसे उसके १००वे जन्मदिन पर ये सर्वोच्च अवार्ड मिला –धोंदो केशव कर्वे .अभी रिसेंटली २५ जनवरी को तीन और भारत रत्न की घोषणा हुई है – सोशल एक्टिविस्ट नाना जी देशमुख (मरणोपरांत ) , सिंगर –म्यूजिक डायरेक्टर भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) और भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणव मुख़र्जी जी को .इन्हें मिलकर अबतक ४८ व्यक्तियों को भारत-रत्न सम्मान मिल चुका है .१९७७ में जब जनता सरकार आई तो इसे १९७९ तक इसे रोका भी गया पर १९८० में फिर से कांग्रेस सरकार आई ,इंदिरा गांधी के नेत्रत्व में और फिर से इसे शुरू किया गया . १९९२ में भी इस पर रोक लगी जब कई PIL ने इसको चुनोती दी ,पर १९९५ में इसे फिर से शुरू किया गया .इसके साथ कई कोन्त्रोवेर्सिस भी जुडी हुईं है –जैसे १९९२ में भारत सरकार ने सुभाष चन्द्र बोस को मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा की ,उनकी मृत्यु एक रहस्य है ऐसे में इसे स्वीकार नहीं किया गया और १९९७ में सुप्रीम कोर्ट ने इसे कैंसिल कर दिया.आर्टिकल १८ (१) के वास्ता देकर जिसमें स्वंतंत्र भारत में किसी भी टाइटल देने को मना किया गया है , PIL आई भारत रत्न और पदम् पुरुस्कार को रोकने के लिया ,पर सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें ख़ारिज किया की ये आर्टिकल १८(१) के अंदर आने वाले टाइटल नहीं हैं.सचिन तेंदुलकर के साथ c NR राव को २०१४ में जब भारत रत्न दिया गया तब भी काफी हल्ला मचाया गया , क्यूँ मेजर ध्यान चंद को भारत रत्न न देकर हाकी की उपेक्षा की गई है , और वैज्ञानिक राव को देने से पहले विक्रम सारा भाई , होमी जहाँगीर भाभा को क्यूँ नहीं भारत रत्न दिया गया , जबकि राव पर प्लागिअरिस्म के आरोप लगायें गए.कभी –कभी सरकारों पर ये भी आरोप लगाये गये की अपने वोट बैंक को प्रभावित करने के लिए भी भरत रत्न पुरुस्कार दिया गया जैसे – २०१५ में अटल बिहारी वाजपयी व् मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न देने पर, भीम राव अम्बेडकर को भारत रत्न देने पर दलित को प्रस्सन करने की राजनीति आदि .फ्रेंड्स भारत –रत्न के बाद दूसरा बड़ा पुरुस्कार हैं – पदम् पुरुस्कार- पदम् विभुसन ,पदम् भूसन ,पदम् श्री – इनको क्रम में याद रखना में कंफ्यूज हो जाते हो तो बता दूँ जिसमे सबसे ज्याद अक्षर हैं वो सबसे बड़ा, फिर उससे कम अक्षर वाला उसके बाद और सबसे कम अक्षर वाला सबसे छोटा ,पदम् पुरुस्कार की बात करेंगे एक अलग वीडियो में,आप मेरे साथ ये साझा करे की क्याभारत –रत्न अवार्ड पर राजनीति होती है या की जानी चाहिए ? आपका इसको लेकर क्या मत है ?वीडियो से जरूर आपको नया सिखने को मिला होगा , तो इस वीडियो को शेयर कीजिये ,चैनल को कीजिये सब्सक्राइब, नोतिफ़िकतिओन bell को ऑन ,और बनिए हिस्सा एक लर्निंग कम्युनिटी का –चैनल को सब्सक्राइब करके.

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